Sunday, March 9, 2014

हकीकत 



मैंने जाना पूरी दुनिया का सच ,
जब मैंने गुजारी एक शाम at कब्रिस्तान & शमशान ...


जब जाना हो अकेले , जंहाँ कोई न हो साथ 
खाली पॉकेट और खाली हाथ 
तब बता मेरे भाई, क्यों है इतनी मारामारी 
उनसे टेंशन और इनसे यारी 

मैंने जाना पूरी दुनिया का सच ,
जब मैंने गुजारी एक शाम at कब्रिश्तान & शमशान ....

क्यों दुनिया मैं है इतनी टेंशन 
वो Beautiful है और वो है Handsom 
वो लड़की है और वो है लड़का 
वो तगड़ा है और वो है सिकुड़ा

न जाने क्यों है इतना अन्तर
जब अंतिम यात्रा का कोई नहीं है स्पेशल मंतर
जैसे जाता है गरीब वैसे ही जाता है अमीर 
नहीं है इसमें कोई स्पेशल रिजर्वेशन 
न टिकट का झंझट न TC का टेंशन 

जब जाना हो अकेले , जंहाँ कोई न हो साथ 
खाली पॉकेट और खाली हाथ 
तब बता मेरे भाई क्यों है इतनी मारामारी 
उनसे टेंशन और इनसे यारी 

फिर क्यों है इतने दंगे 
फिर क्यों है सारे नेता नंगे 
फिर क्यों फैला है भ्रष्टाचार 
फिर क्यों फैली है महंगाई की मार 

जब जाना हो अकेले , जंहाँ कोई न हो साथ 
खाली पॉकेट और खाली हाथ 
तब बता मेरे भाई क्यों है इतनी मारामारी 
उनसे टेंशन और इनसे यारी 

यंहा नहीं कोई हिन्दू है , यंहा नहीं कोई मुस्लिम है 
यंहा नहीं कोई मौलवी है , यंहा नहीं कोई पंडित है 
फिर किस बात का झगडा है 
क्यों अल्पसंख्यक और बाहुबली का रगड़ा है 
फिर क्यों बहता है खून सीमओं को लेकर 
फिर क्यों बहता है खून धार्मिक भावनाओं को लेकर 

जब जाना हो अकेले , जन्हा कोई न हो साथ 
खाली पॉकेट और खाली हाथ 
तब बता मेरे भाई क्यों है इतनी मारामारी 
उनसे टेंशन और इनसे यारी 

मैंने जाना पूरी दुनिया का सच 
जब मैंने गुजारी एक शाम at कब्रिश्तान & शमशान 


                                                                   :- अनिमेष श्रीवास्तव 
"मेरी हर धड़कन भारत के लिए है  "

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